अमेठी: संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित, इमरजेंसी-ओपडी सेवा ठप, अस्तपाल बोला कार्रवाई की वजह राजनीतिक

सीएमओ के निर्देश के क्रम में सोमवार को डिप्टी सीएमओ डॉ. पीके उपाध्याय ने अस्पताल पहुंचकर अभिलेख की जांच की। इसके साथ ही नए भर्ती मरीजों के संबंध में वार्डों को भी देखा।

Sep 19, 2023 - 08:39
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अमेठी: संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित, इमरजेंसी-ओपडी सेवा ठप, अस्तपाल बोला कार्रवाई की वजह राजनीतिक

मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में बेहोश हुई विवाहिता की मौत के मामले में प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। प्रशासन ने संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस निलंबित करते हुए ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवा पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। अस्पताल में पूर्व में भर्ती सिर्फ 20 मरीज का ठीक होने तक उपचार चलेगा।

कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव पांडेय का पुरवा मजरे रामशाहपुर निवासी अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला 14 सितंबर को मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन करने आई थी। ऑपरेशन थिएटर के अंदर बेहोशी का डोज देने के बाद दिव्या कोमा में चली गई, उसके बाद मेदांता में इलाज के दौरान मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद अस्पताल के सीईओ व तीन चिकित्सकों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ।

सीएमओ की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया। शासन के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर नए भर्ती मरीजों को भारती नहीं करने का निर्देश दिया गया था। सोमवार को जिला प्रशासन की ओर से अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है। सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करते हुए इमरजेंसी और ओपीडी सेवा पर प्रतिबंध लगाकर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दी गई है। पहले ही मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी गई थी।

दिन भर चली ओपीडी और इमरजेंसी सेवा

विवाहिता की मौत के मामले में शासन के निर्देश पर संजय गांधी अस्पताल प्रबंधन को नए मरीजों को भर्ती न करने का नोटिस जारी किया गया था। नोटिस मिलने के बाद नए मरीज तो नहीं भर्ती हुए लेकिन, सोमवार को दिनभर इमरजेंसी और ओपीडी सेवाएं चलीं। ओपीडी सेवा में मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तरह रही तो वही इमरजेंसी में मरीज दिखाई पड़े।

अस्पताल पहुंचकर की जांच

सीएमओ के निर्देश के क्रम में सोमवार को डिप्टी सीएमओ डॉ. पीके उपाध्याय ने अस्पताल पहुंचकर अभिलेख की जांच की। इसके साथ ही नए भर्ती मरीजों के संबंध में वार्डों को भी देखा। अस्पताल में पहले से भर्ती 20 मरीज मिले। जिनका इलाज चल रहा है।

लाइसेंस किया गया निलंबित

 सीएमओ डॉक्टर अंशुमान सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से संजय गांधी का अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करते हुए नोटिस जारी कर ओपीडी और इमरजेंसी सेवा बंद करने का निर्देश दिया गया है। अस्पताल में पहले से भारती सिर्फ 20 मरीज के ठीक होने तक उनका इलाज चलेगा। सीएमओ ने बताया कि अन्य विधिक कार्रवाई की जा रही है।

नहीं सुना गया पक्ष, कर दिया गया लाईसेंस निलंबित

 संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी। सोमवार को हम लोग जवाब बना रहे थे। फिर दोबारा लाइसेंस निलंबित कर ओपीडी वालों इमरजेंसी सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। बताया कि हायर अथॉरिटी को मामले से अवगत कराया गया है। उनके निर्देश के क्रम में कार्य किया जाएगा।

राजनीतिक विद्वेष भावना से की गई कार्रवाई

संजय गांधी अस्पताल के मैनेजर एडमिन सुरेश सिंह राजपूत ने कहा कि राजनीतिक विदेश भावना के तहत कार्यवाही की गई है। अस्पताल और चिकित्सकों की कोई कमी नहीं है। कुछ ऐसे मरीजों में इस तरह की समस्या आती है, जिसकी जांच अस्पताल प्रबंधन की ओर से कराई जा रही थी।

करीब 800 मरीजों की होती थी इमरजेंसी और ओपीडी सेवा

मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में वेंटीलेटर, ब्लड बैंक सुविधा, डायलिसिस, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, ब्लड जांच सहित अन्य सुविधाएं हैं। अस्पताल परिसर में प्रतिदिन करीब 550 से 600 मरीजों की ओपीडी होती थी। वही प्रतिदिन 200 से अधिक मरीजों की इमरजेंसी भी होती थी। अस्पताल परिसर में 1000 से अधिक मरीजों की विभिन्न जांचें होती थी। इमरजेंसी और ओपीडी सेवा बंद होने के बाद अब मरीजों को भटकना पड़ेगा।

450 से अधिक कर्मचारी होंगे बेरोजगार

 संजय गांधी अस्पताल मुंशीगंज का लाइसेंस निलंबित हो गया है। इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं समेत अन्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अस्पताल परिसर में 450 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं। अस्पताल बंद होने के बाद साढे चार सौ कर्मचारियों और अधिकारियों के रोजी-रोटी पर संकट अच्छा जाएगा। ऐसे में सभी को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा।

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