यूपीआई के नए नियम: जिस प्रकार से यूपीआई ने बहुत कम समय में बाजार में अपना विस्तार किया है इससे ये आसानी से समझा जा सकता है कि भारत ने डिजिटल इंडिया पहल को बेहतरीन रूप से स्वीकार कर है। और आज इसके बढ़ते हुए ग्राहकों एवं प्रयोगों को देखते हुए पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) एक बड़ा बदलाव की योजना बना रही है। जिसके तहत उपभोक्ता कुछ फीचर्स को एक सीमा के भीतर ही प्रयोग कर सकेंगे।
टेक्नोलॉजी: द अवध टाइम्स: पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) ने गत 21 मई 2025 को एक आधिकारिक सर्कुलर जारी किया जिसमे दिए गए निर्देशों के अनुसार सभी बैंकों को दस सर्वाधिक प्रयोग में लाये जाने वाले यूपीआई एपीआई पर निगरानी रखनी होगी और साथ में नियंत्रण कानून को भी लागू करना अनिवार्य होगा। जिसमे ग्राहक द्वारा बैलेंस चेक करना स्वतः भुगतान, ट्रांजेक्शन जैसे सुविधाएं शामिल की जाने की तैयारी है। ये सभी बदलाव 01 अगस्त 2025 से लागू हो सकते हैं।

सीमित बैलेंस चेक:
नए नियमों के लागू होने के पश्चात् ग्राहक अपने खाते के बैलेंस को दिन में एक सीमा में ही चेक कर सकेंगे जो लगभग 50 बार प्रतिदिन हो सकता है। जिसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि अगर आप गूगल पे, फ़ोन पे, पे टीएम जैसे आप्लिकेशन का उपयोग करते हैं तो उस एप्लीकेशन के जरिये एक दिन में आप सिर्फ 50 बार ही अपने खाते में शेष राशि का अवलोकन करने सक्षम हो पाएंगे।
सीमित खाता अवलोकन का मात्रा एक उद्देश्य यह है कि इससे सर्वर ज्यादा व्यस्त नहीं रहेगा और यूपीआई एप्लीकेशन के डाउन होने के चान्सेस कम हो जायेंगे। बार बार बैलेंस जांचने की प्रक्रिया से सर्वर ज्यादा व्यस्त हो जाता था लोड बढ़ने के कारण अक्सर एप्लीकेशन और सिस्टम धीमा हो जाता था।
जिसके बाद ग्राहकों काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था। लेकिन सीमित बैलेंस चेक नियम को लागू करने के बाद इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। और भुगतान प्रक्रिया को और भी आसान बनाया जा सकता है।

स्वतः भुगतान प्रक्रिया नॉन-पीक हॉर्स में होंगी:
यूपीआई के माध्यम से लगाए गए स्वतः भुगतान प्रक्रिया में भी बदलाव किया जायेगा जिसके तहत किसी भी सब्सक्रिप्शन तथा एसआईपी आदि के भुगतान अब सिर्फ नॉन-पीक हॉर्स में संपन्न होंगे। पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) ने पीक – टाइम का निर्धारण प्रातःकाल 10 बजे से दोपहर 01 बजे तक तथा सायं काल में 05 बजे से रात्रि 09 बजे तक किया है। इस समय के दौरान ही स्वतः भुगतान प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। इसके साथ इस समय अंतराल के अंतर्गत सिस्टम जनरेटेड एपीआई को या तो सीमित किया जायेगा अथवा बंद किया जायेगा।
बैलेंस अलर्ट:
पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) के निर्देशों के अनुसार अब हर भुगतान के पश्चात् बैंक ग्राहक को स्वयं ही शेष राशि की सूचना मैसेज के जरिये उपलब्ध करवाएगी। इसके साथ ही पीक – हॉर्स में बार बार बैलेंस चेक की सुविधा को सीमित करने के लिए विशेष तकनीकी इंतजाम किये जायेंगे। इससे ग्राहकों को बेहतर सुविधा मिलेगी और होने वाली परेशानियों से भी निजात मिलेगी।

अवहेलना पर सख्त कार्यवाही:
पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा सर्कुलर में यह भी अवगत कराया गया है कि कदाचित कोई बैंक या पीएसपी इन नियमों का पालन नहीं करता या इन नियमों की अवहेलना करता हुआ पाया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश हैं जिसके दौरान उनके खिलाफ एपीआई ब्लॉकिंग, जुरमाना, नए ग्राहकों को जोड़ने पर भी रोक लगाए जा सकते हैं। इसके साथ 31 अगस्त 2025 तक एक अंडरटेकिंग भी पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) को जमा करनी होगी जिसमे इन सभी नियमों के पालन हेतु वो बाध्य होंगे।

रियल टाइम बैलेंस की जानकारी:
पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) ने स्पष्ट तौर पर यह निश्चित कर दिया है कि इन सभी नियमों के लागू होने के पश्चात् भी ग्राहकों को उनके कहते में शेष धनराशि की अपडेटेड जानकारी मिलती रहेगी, जिससे ग्राहक को बार बार अपना बैलेंस यूपीआई के जरिये खंघालने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। और इससे यूपीआई की क्षमता प्रभावी तथा अवरुद्ध नहीं होगी। इससे ग्राहकों को अभूतपूर्व सहयोग मिलेगा और भविष्य में सर्वर डाउन जैसी हालत से निजात मिलेगा।
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